प्रोस्टेट का बढ़ना पुरुषों में सबसे व्यापक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेस्यिा (बीपीएच) के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब प्रोस्टेट फैल कर मूत्र मार्ग पर दबाव डालने लगता है, जिसके कारण पेशाब और मूत्राशय से संबंधित समस्याएं होती हैं।
मुम्बई के कल्याण स्थित फोर्टिस हाॅस्पिटल के मूत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. के. एम. नानजप्पा के अनुसार, ''हालांकि इस स्थिति में प्रोस्टेट का वह हिस्सा प्रभावित होता है जो मूत्रमार्ग के उपरी हिस्से के चारों ओर होता है। इसके लक्षणों में पेशाब करने की तत्काल जरूरत महसूस होना, बार-बार पेशाब करने की जरूरत और पेशाब करते समय दर्द होना आदि शामिल हो सकते हैं।''
प्रोस्टेट ग्रंथि अधिकतर पुरुषों में उम्र के साथ बढ़ती जाती है। लीलावती हाॅस्पिटल, मुम्बई के मूत्र रोग विषेशज्ञ प्रो. (डाॅ.) हेमंत पाठक कहते हैं, ''हालांकि यह घातक नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह अधिक गंभीर स्थिति का भी संकेत हो सकता है। इसका इलाज नहीं कराने पर, प्रोस्टेट के बढ़ने पर मूत्राशय में रुकावट और गुर्दे की समस्याएं पैदा हो सकती है।''
विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों को अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए जिससे बीपीएच के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें मूत्राशय की समस्या से बचने के लिए कैफीन और शराब का सेवन करना भी शामिल है। पुरुषों को अपने आहार और वजन पर भी निगरानी रखनी चाहिए। इसका इलाज जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं के संयोजन से किया जाता है।
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