सर्दियों की शुरुआत के साथ जैसे- जैसे हवा ठंडी होती जाती है, जोड़ों के आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को काफी असुविधा होने लगती है, उनकी मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न और दर्द बढ़ने लगता है। हड्डियों की बीमारियों से पहले से पीड़ित लोगों में सदी का मौसम उनके जोड़ों को अधिक दर्दनाक और सख्त बना देता है जिसके कारण उनके लिए सर्दी का मौसम आम तौर पर भयावह होता है। कुछ लोगों में ठंडे तापमान का दर्द बढ़ने से सीधा संबंध होता है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि वे अचानक हड्डियों और जोड़ों में मामूली बदलाव महसूस करने लगते हैं जो सर्दी आने का संकेत होता है।
हालांकि सर्दियों के दौरान जोड़ों के दर्द के बढ़ने का समर्थन करने वाले बहुत कम वैज्ञानिक सबूत हैं, लेकिन, पारा के नीचे जाने के साथ ही आर्थराइटिस के अधिकतर रोगियों में गर्दन दर्द, पीठ दर्द और कमर दर्द बढ़ने, सूजन और चलने- फिरने से संबंधित अन्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं। वास्तव में, उनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस अनुभव करने की संभावना बढ़ जाती है। यह कई कारकों की एक जटिल पारस्परिक क्रिया है जो घुटने, कंधे, या कूल्हे के जोड़ों के आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए सर्दियों को और अधिक कठिन बना देता है ।
सर्दियों में दर्द क्यों बढ़ जाता है?
सबसे पहली बात तो यह है कि हमारे दर्द सहन करने की क्षमता सर्दियां षुरू होते ही आष्चर्यजनक रूप से कम हो जाती है। इसके अलावा, इस मौसम में रक्त बहुत अच्छी तरह से संचरित नहीं हो पाता है और शरीर के अगले भागों में रक्त का बहाव बहुत कम हो जाता है। बैरोमीटर के दबाव में बदलाव होने से जोड़ों में परेशानी या सूजन हो सकती है जो बदलते मौसम के अनुसार खुद को ढालने के लिए हमेषा तैयार नहीं होता है। यही कारण है कि सर्दी के मौसम में यहां तक कि एक छोटी सी चोट या सिर्फ एक छोटी सी कट भी अत्यधिक तेज और चुभन वाला दर्द पैदा कर सकती है।
सर्दियों में, हमारे शरीर हृदय के पास के रक्त को गर्म रखना चाहता है और इसके कारण जोड़ों में रक्त का संचरण कम हो जाता है। इसके कारण जोड़ों में अधिक दर्द एवं कड़ापन होता है। इसलिए सर्दियों में उन लोगों को जोड़ों में अधिक दर्द होता है जिन्हें अतीत में आर्थोपेडिक संबंधी चोट लगी हो या फ्रैक्चर अथवा मोच की समस्या हुई हो या जिनकी हड्डियों को जोड़ा गया हो। वायुमंडलीय दबाव में अचानक परिवर्तन के साथ, हमारे तंत्रिका के आखिरी छोर अधिक संवेदनशील हो जाते हैं जिससे और अधिक दिक्कत होती है।
सर्दियों के दौरान जोड़ों के दर्द में वृद्धि का एक और बहुत ही महत्वपूर्ण कारण यह है कि सर्दियों में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो जाती है। अनेक लोग, खास तौर पर बुजुर्ग लोग अपने घरों में ही रहना पसंद करते हैं या अपने को पूरी तरह सिकोड़ कर रखते हैं।
ज्यादातर मामलों में रोजाना पैदल चलने या व्यायाम करने के कार्यक्रम को पूरा नहीं किया जाता क्योंकि घर से बाहर निकलने में दिक्कत होती है। हम जानते हैं कि जोड़ों को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित रूप से कसरत करना कितना जरूरी है। आर्थराइटिस के जोड़ों के मामले में तो गतिषीलता और जरूरी हो जाती है ताकि जोड़़ों में जकड़न होने से रोका जा सके। सर्दियों में व्यायाम एवं शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण सर्दियों में जकड़न और बढ़ती है।
जोड़ों के तेज दर्द से कैसे निजात पाएं?
हालांकि जोड़ों के दर्द से पूरी तरह से निजात पाना कठिन है। लेकिन अगर आप पहले से ही जोड़ों की आर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो हमें इसकी स्थिति और खराब होने से रोकना है। सर्दी के मौसम में, विषेशकर जब मौसम में अधिक नमी हो, तो आर्थराइटिस के दर्द से निपटने के लिए हमारे शरीर की रक्षा प्रणालियों को गर्म और सक्रिय रखना होगा।
यहाँ कुछ और सुझाव दिये गये हैं जिन पर अमल कर आप सर्दियों के दौरान जोड़ों के दर्द को नियंत्रित रख सकते हैं:
ऽ व्यायाम रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और गर्म खून को जोड़ों सहित शरीर के सभी अगले भागों (पेरिफेरल)ं तक पहुँचने में सक्षम बनाता है। नियमित व्यायाम से हमारी मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में भी मदद मिलती है। दुर्भाग्य से, हममें से ज्यादातर लोग सर्दी की ठंड के दौरान अपने दैनिक व्यायाम के रूटीन का पालन नहीं करते हैं। याद रखें, आपको यह सब इस मौसम के दौरान और अधिक करने की जरूरत है। इसलिए, अगर आपने पहले से ही व्यायाम करने की योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है, इसे निष्चित रूप से जारी रखें।
ऽ विटामिनों की कमी जोड़ों के दर्द या सूजन के रूप में प्रकट हो सकती है, क्योंकि उनमंे षिथिल होने की प्रवृत्ति होती है। आप अपने आहार पर निगरानी रखकर इस समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकते हैं। अदरक और हल्दी जैसे सरल खाद्य पदार्थों का रोजाना सेवन करने की आदत बना लें जो दर्द से राहत प्रदान करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, संतरे, पत्तागोभी, गाजर, पालक और टमाटर जैसे विटामिन युक्त फलों और सब्जियों का भी प्र्याप्त मात्रा में सेवन करें।
ऽ यदि आपको सर्दियों में कम प्यास लगती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर को पानी की कम जरूरत है। जोड़ों के बीच मौजूद कार्टिलेज एक चिकना कोमल ऊतक होता है जो घर्षण को कम करने के लिए जिम्मेदार होता है। चूंकि इसकी सतह चिकनी होती है, इसलिए इसे हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। इसलिए, जोड़ों के दर्द को और तेज होने से रोकने के लिए काफी मात्रा में पानी पीएं।
ऽ अपने आप को एक आरामतलब कुर्सी में बिठाए रखने की बजाय हर समय चलते रहनेे की कोशिश करें। सुबह की सैर करें और पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करने के लिए जितना अधिक संभव हो धूप में रहें।
ऽ एरोबिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन, और मध्यम गति से साइक्लिंग जैसी कम प्रभावी गतिविधियां जकड़न को कम कर सकती है और जोड़ों में रक्त के प्रवाह को बढ़ा सकती हैं। दूसरी ओर, सूजन को कम करने के लिए आइस पैक उपयोगी साबित हो सकता है और सर्दियों में दर्द को कम कर सकता है। आइस पैक का इस्तेमाल करने से पहले, पैरे के पूरे जोड़ को ढकना न भूलें।
ऽ इस मौसम के दौरान जोड़ों के दर्द से निपटने के लिए सबसे प्रभावी उपचार फिजियोथेरेपी और हीट थेरेपी का संयोजन है। आप मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द से आराम पाने के लिए अतिरिक्त गर्मी प्राप्त करने के लिए हीटिंग पैड और कंबल का उपयोग कर सकते हंै। फिजियोथेरेपी और कभी- कभी शरीर की मालिश से भी मांसपेशियों और नव्र्स को और मजबूत और लचीला रखने में मदद मिलती है।
ऽ आपके डॉक्टर आर्थराइटिस से पीड़ित जोड़ों के लिए अतिरिक्त ध्यान देने की सलाह दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, जोड़ों को अधिक सहारा और स्थिरता प्रदान करने के लिए ब्रेसिज को पहना जा सकता है। अधिक तीव्र दर्द होने पर, घुटने के ब्रेसिज काफी राहत प्रदान करते हैं। यदि आपके जोड़ों और मांसपेशियों में मामूली दर्द भी हो तो किसी आर्थोपेडिक विशेषज्ञ से परामर्श करना न भूलें।
डाॅ. विवेक महाजन, कंसल्टेंट ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, इंडियन स्पाइनल इंजुरीज सेंटर (आईएसआईसी), नई दिल्ली
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