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लॉकडाउन के बाद जिम में अधिक और कठोर व्यायाम करने से युवाओं में गुर्दे खराब होने का खतरा

- विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर











जिम धीरे-धीरे अनलॉक 3 में फिर से खुल रहे हैं और लोग महीनों तक घर पर रहने के बाद व्यायाम करने के लिए जिम का रुख कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली के एक 18 वर्षीय युवा के जिम में अत्यधिक और कठोर व्यायाम करने के कारण उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड。ने का मामला सामने आया है। 

जिम को अत्यधिक पसंद करने वाले लक्ष्य बिन्द्रा लॉकडाउन में जिम के बंद होने के कारण जिम नहीं जा पाए थे और लॉकडाउन के तीन महीने बाद उनके पसंदीदा जिम के फिर से खुलने पर उन्होंने जिम में अधिक व्यायाम कर पिछले समय की भरपाई करना चाहा। इसलिए  उन्होंने जिम में उत्साह वश जोरदार तरीके से एक घंटे से अधिक समय तक व्यायाम किया। उसी शाम, उन्हें उल्टी के साथ मांसपेशियों में अत्यधिक थकान, शरीर में अकड़न और दर्द होने लगा। वह तीन दिनों तक घर में बीमार रहने के बाद बुरी हालत में, दिल्ली के पटपड़गंज के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंचे।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली के रेनल एंड किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ दिलीप भल्ला ने कहा, “जब मरीज हमारे अस्पताल में आया था, तो उसके  पेट में तेज दर्द हो रहा था, उसे कम मात्रा में काले रंग का पेशाब आ रहा था, और उसके गुर्दे और लीवर ठीक से कार्य नहीं कर रहे थे। जांच करने पर उसमें राब्डोमायोलिसिस का निदान किया गया। यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें मांसपेशियां तेजी से टूटने लगती हैं। इसके कारण रक्त प्रवाह में कुछ प्रकार के एंजाइम रिलीज होने लगते हैं, जिससे गुर्दे खराब होने लगते हैं। मरीज को तुरंत आईसीयू में ले जाया गया और हाइड्रेशन बनाए रखने और उसकी मांसपेशियों को पोषक तत्व प्रदान करने के लिए नसों के जरिए तरल पदार्थों को देना शुरू किया गया। उसकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के लिए उसे कई दिनों तक हल्की फिजियोथेरेपी की गई। इसके अलावा, चूंकि उसकी किडनी ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था इसलिए उसे डायलिसिस के दो सत्रों की आवश्यकता थी। धीरे-धीरे, जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मरीज में सुधार होने लगा। उसकी मांसपेशियों में अकड़न और दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा, यहां तक कि उसने धीरे-धीरे मांसपेशियों की शक्ति भी हासिल कर ली। ”

डॉ दिलीप भल्ला ने कहा: “हमें समय के बारे में नहीं पता है कि मरीज की किडनी कब प्रभावित हुई। लेकिन वह जिम में व्यायाम करने के तीन दिन बाद हमारे पास आया था। इस दौरान उसकी किडनी कभी भी खराब हो सकती थी। मांसपेशियों की इंजुरी के कारण जारी होने वाला एंजाइम मायोग्लोबिन गुर्दे की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। अगर समय रहते इसका पता नहीं लगाया गया, तो इससे किडनी पूरी तरह से खराब हो सकती है और जानलेवा तकलीफ हो सकती है। ऐसे युवा में किडनी के काम नहीं करने की घटना को देखना हमारे लिए भी आश्चर्यजनक था। सौभाग्य से, अस्पताल में एक सप्ताह रहने के बाद उसे पूरी तरह से ठीक करने में हम कामयाब रहे। उसकी किडनी पुनर्जीवित हो गई है और अब पूरी तरह से काम कर रही हैं। ”

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली के इमरजेंसी मेडिसिन के अटेंडेंट कंसल्टेंट डॉ अब्बास अली खताई ने कहा: “अत्यधिक शारीरिक गतिविधि से मांसपेशी टूट सकती है। यह राब्डोमायोलिसिस का एक सामान्य कारण है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और व्यायाम करने के लिए अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। इसलिए व्यायाम करते समय किसी के अपने शरीर की सीमाओं को जानना, हाइड्रेटेड रहना और उचित प्रोफेशनल मार्गदर्शन प्राप्त करना आवश्यक है - चाहे वह भारोत्तोलन, योग, कार्डियो या क्रॉस-फिट हो। अधिक कठोर, बेहिसाब व्यायाम से मांसपेशियों में एसिड जमा होने लगता है जिससे मांसपेशियों के प्रोटीन टूटने लगते हैं। यह प्रोटीन तब रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है जहां से यह गुर्दे में चला जाता है, जिससे किडनी खराब हो जाती है। ”

डॉ अब्बास अली खताई ने कहा: “लॉकडाउन की अपनी समस्याएं हैं, लेकिन अनलॉकिंग के चरण में लोग बेहिसाब जिम करने लगे हैं, जैसा कि इस मामले से पता चलता है। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है क्योंकि शरीर ज्यादा सहन नहीं कर सकता है। समस्या की शीघ्र पहचान और समय पर उपचार ने इस युवा को गंभीर परिणामों से बचाने में मदद की। जिम जाने वालों को हमारी सलाह है कि वार्म अप कर व्यायाम कार्यक्रम के लिए शरीर को धीरे-धीरे तैयार करें। जिम जाने वाले लोगों को ढेर सारा पानी भी पीना चाहिए और पोषक तत्व लेने चाहिए ताकि मांसपेशियों पर जोर न पड़े। व्यायाम करने के बीच उचित आराम करने की भी सलाह दी जाती है। आदर्श रूप से, एक योग्य जिम ट्रेनर को व्यायाम कार्यक्रम का मार्गदर्शन करना चाहिए। "


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