LightBlog

अगर आधी रात में हो पेट में दर्द

  • by @ हेल्थ स्पेक्ट्रम
  • at November 23, 2019 -
  • 0 Comments

पेट दर्द को कभी भी मामूली न समझें क्योंकि यह कई रोगों का कारण हो सकता है। दैनिक जीवन में बच्चों, बड़ों सभी को पेटदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बार-बार होने वाले पेट दर्द को सामान्य समझ कर गंभीरता से न लेने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पेट में अल्सर
हमारे आमाशय में लगातार हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण होता है जो आमाशय की मुलायम दीवारों को जला डालने में सक्षम होता है। आम तौर पर यहां बनने वाला गोंद जैसा लसलसा पदार्थ, जिसे 'म्यूकस' कहा जाता है, अम्ल के घातक प्रहारों से आमाशय की रक्षा करता है। इसमें अम्ल को अपने अंदर घोल कर निष्क्रिय बना डालने की अद्भुत क्षमता होती है। वहीं, यदि अम्ल के घातक हमलों से इस की परत नष्ट हो जाती है तो यह तुरंत अपना पुनर्निर्माण कर अम्ल के प्रहारों को रोकता है।
इस सामान्य प्रक्रिया के अलावा जब कोई व्यक्ति अधिक चाय, काॅफी, षराब, धूम्रपान, दर्द निवारक दवाएं, मिर्च-मसालों आदि का सेवन करता है तो उस में अम्ल की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक बनने लगती है और म्यूकसरूपी रक्षक इन तीव्र हमलों से बच नहीं पाता है। फलस्वरूप, यहां की मुलायम दीवारें जल जाती हैं और ऐसा लंबे समय तक लगातार होता रहे तो आमाशय में 'घाव' बन जाते हैं जिसे चिकित्सीय भाषा में 'पेप्टिक अल्सर' कहते हैं।
इस प्रकार के रोगियों में सीने व पेट के मिलन स्थल पर 'जलन के साथ दर्द' होता है जो कंधों, पीठ और हाथ तक फैल जाता है। यदि घाव पेट यानी आमाशय में है तो दर्द भोजन के आधे से डेढ़ घंटे के भीतर शुरू हो जाता है और यदि घाव 'छोटी आंत' में है तो दर्द भोजन के 3 या 4 घंटे बाद होता है।
इस रोग का दर्द ज्यादातर मध्यरात्रि में होता है जिससे व्यक्ति की नींद उचट जाती है, क्योंकि उस समय पेट में भोजन न होने से वह खाली होता है जिससे अम्ल के दुश्प्रभाव को रोकने वाला कुछ नहीं होता। जब पेट में अम्ल अधिक मात्रा में बनता है तो दबाव बढ़ने से कई बार यह अम्ल छाती के बीचोंबीच भोजन नली को भी क्षति पहुंचाते हुए मुंह के रास्ते भी बाहर निकलता है। इस स्थिति को चिकित्सा विज्ञान में 'हार्ट बर्न' के नाम से जाना जाता है।
ऐसे रोगी को थोड़े समय के अंतराल पर दिन में 5-6 बार हल्का भोजन लेते रहना चाहिए। इसी प्रकार भोजन के डेढ़ घंटे बाद 1 कप ठंडा दूध पीते रहना चाहिए क्योंकि भोजन और दूध अम्ल को निष्क्रिय बनाते हैं।
आधी रात में दर्द होने पर 1 कप दूध व बिस्कुट या डबलरोटी लेने से राहत महसूस होती है। किसी भी दवा का सेवन अपने डाक्टर की सलाह पर ही करें। रोगी को मानसिक तनाव से बचना चाहिए और मिर्च-मसाले, शराब, सिगरेट, दर्द निवारक औषधियों से परहेज करना चाहिए।


Join as an Author

Health Spectrum

Health Spectrum welcomes unsolicited articles, blog posts and other forms of content. If you are interested in writing for us, please write to us at healthspectrumindia@gmail.com.

0 Comments: