बदलते लाइफस्टाइल व उचित खानपान नहीं होने से भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी देश में 6 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह का शिकार हैं। डाक्टरों के पास जाने वाला हर चौथा मरीज मधुमेह का शिकार है।
रोगियों में मधुमेह का असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। जिससे इन अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है। मधुमेह का सबसे ज्यादा प्रभाव गुर्दे, आंखों और पैरों पर पड़ता है।
आंखों पर प्रभाव
मधुमेह रोगियों को अपनी आंखों की नियमित रुप से जांच करानी चाहिए क्योंकि मधुमेह में सफेद मोतिया की समस्या, आंखों में तनाव, आंखों के पर्दे के कमजोर होने से धुंधला दिखना शुरू हो जाता है। कई बार तो डायबिटीज से अंधे होने की भी समस्या हो जाती है। आंखों की जांच के समय अपने डॉक्टर यह जरूर बताएं कि आप मधुमेह के शिकार हैं।
पैरों पर प्रभाव
मधुमेह में अक्सर पैरों की समस्या हो जाती है। इसमें पैर की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिससे रोगी को चोट लग जाने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ता। यही नहीं इसमें खून का दौरा धीरे धीरे होने लगता है, जिससे पैर में लगी हुई चोट काफी दिनों के बाद ठीक होती है। इसके अलावा मधुमेह रोगी में पैरों का संक्रमण भी हो सकता है। कभी-कभी तो यह इतना फैल जाता है कि रोगी के पैर पूरी तरह से खराब हो जाते हैं। अगर आपके पैरों में दर्द और सूजन हो तो इसे हल्के में नहीं लें तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।
गुर्दे पर प्रभाव
मधुमेह रोगियों में कई बार गर्दे की समस्या भी हो जाती है। गुर्दा काम करना बंद कर देता है। गुर्दे पर असर पड़ने से हाई ब्लड प्रेशर होना, खून की कमी आदि समस्याएं पैदा हो जाती है। ऐसे में रोगियों को यूरीन टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। टेस्ट के जरिए यूरीन में प्रोटीन व खून के रिसाव के बारे में पता किया जा सकता है। इसके अलावा अगर यूरीन में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है तो इससे किडनी फेल होने का खतरा रहता है।
हृदय पर प्रभाव
मधुमेह में आपको अपने खान-पान को लेकर कई तरह की सावधानियां बरतनी होती है क्योंकि इसमें हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। वसायुक्त खाने से कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है जो हृदय के लिए खतरनाक है। जिससे हार्टअटैक या हृदयघात जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। मधुमेह व हृदय रोग एक साथ होना रोगी के लिए काफी घातक होता है।
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