आज के युवा लोग, हमारे बच्चे दुनिया के इतिहास में सबसे होनहार पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे उम्र के शिखर पर खड़े हैं। किशोर का लालन-पालन एक चुनौती है जो कभी-कभी माता-पिता का सर्वश्रेष्ठ बाहर लाता है और उन्हें बेहतर इंसान बनाता है। हालांकि यह वह अवस्था भी है जो माता-पिता पर सबसे अधिक दबाव डालता है। यदि उन्हें सही तरीके से नहीं संभाला गया तो बच्चों के दिमाग पर यह एक निशान छोड़ जाता है जो उनके माता-पिता के प्रति उनके व्यवहार को उनकी पूरी जिंदगी प्रभावित करता है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि माता-पिता सही दिषा में सभी आवष्यक कदम उठाएं।
घबराएं नहीं!
हर कोई इस अवस्था से गुजरता है, यहां तक कि आपके माता-पिता भी इस अवस्था से गुजरे हैं!
यौवन क्या है?
करीब दो साल पहले आपने किसी भी प्रकार का परिवर्तन महसूस किया है, आपका दिमाग कार्य करना शुरू करता है जो आपको अंततः एक बच्चे से एक वयस्क बना देगा। मस्तिष्क के दो भाग हाइपोथैलेमस और पिट्युटरी ग्रंथि ग्रोथ हार्मोन, एल एच और एफ एस एच (फॉलिकल को प्रेरित करने वाले हार्मोन) सहित कुछ हार्मोन को अधिक मात्रा में बनाना शुरू कर देते हैं। ये हार्मोन आपके शरीर के अन्य भागों में परिवर्तन लाने के लिए कार्य करते हैं।
हार्मोन कैसे काम करते हैं
लड़के और लड़कियां दोनों में ये हार्मोन होते हैं लेकिन ये उनके शरीर के विभिन्न भागों पर कार्य करते हैं।
हार्मोन रसायन होते हैं जो आपके शरीर के एक भाग (एक ग्रंथि) के द्वारा हड्डियों जैसे विभिन्न भाग पर कार्य करने के लिए बनते हैं। उदाहरण के लिए आपके मस्तिश्क में एक ग्रंथि ग्रोथ हार्मोन बनाती है, और यह आपके पैर, पांव और बाहों की हड्डियों को अधिक लंबा करने का कार्य करता है। आपके शरीर में कई हार्मोन है जो विभिन्न प्रकार के कार्य करने के लिए रक्तप्रवाह में घूमते रहते हैं।
लड़कों के लिए एल एच और एफ एस एच टेस्टोस्टेरॉन जैसे एंड्रोजेन्स (सेक्स हार्मोन) बनाने के लिए उनके वृशण और एड्रिनल ग्रंथियों (गुर्दे के पास की ग्रंथि) पर कार्य करते हैं। वे वृषण पर भी कार्य करते हैं जिससे वे शुक्राणु बनाना षुरू कर देते हैं।
लड़कियों के लिए ये हार्मोन उनके अंडाशय (जहां पहले से ही उनके पैदा होने से पहले से ही सभी अंडे जमा होते हैं) पर कार्य करते हैं, साथ ही उनकी एड्रिनल ग्रंथियों पर भी कार्य करते हैं जिससे वे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन जैसे मादा सेक्स हार्मोन अधिक मात्रा में बना सकें।
लड़कों और लड़कियों दोनों में इन हार्मोनों की कुछ मात्रा होती है लेकिन लड़कों में एंड्रोजन की अधिक मात्रा और लड़कियों में एस्ट्रोजेन की अधिक मात्रा होती है और इन हार्मोन का विभिन्न स्तर उनके शरीर में अंतर पैदा करता है। इन हार्मोन के कार्य की बदौलत ही आपका शरीर वयस्क जिंदगी के लिए तैयार होता है जिसे हम यौवन कहते हैं।
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